चार हाथों वाला लोकदेवता किसे कहा जाता है?
384 06408ba45a37bb1a5e16b5acfकल्ला जी. कल्ला जी का जन्म विक्रम संवत 1601 में राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता में हुआ था। कल्ला जी "चार हाथों वाले लोक देवता" के नाम से प्रसिद्ध हैं। मंदिर भौराईगढ़, महियाधाम वरदा, सलूंबर, सामलिया, गैटरोड पर स्थित हैं।
भील जनजाति के पुरुष कमर पर जो वस्त्र लपेटा करते हैं, उसे क्या कहा जाता हैं?
365 06408b9d9a37bb1a5e16b5abeसही उत्तर खोयातु है। भील जनजाति के पुरुष खोयातु को अपनी कमर में लपेटते हैं। भील पुरुषों की पोशाक में एक पगड़ी या 'फ़ेटा', एक 'अंगी', अंगरखा और एक निचला परिधान शामिल होता है जिसे 'पोटारियो' कहा जाता है। उनके द्वारा कमर से घुटनों तक पहनी जाने वाली धोती को "थेफरा या ढेपड़ा" कहा जाता है।
. 'मुगती' नामक कविता संग्रह के रचयिता हैं -
338 06408b967a9f6c7de51b48c56सही उत्तर मीठेश निर्मोही है। मितेश निर्मोही जी को राजस्थानी भाषा में उनके काव्य संग्रह मुगती के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। साहित्य अकादमी पुरस्कार 1954 में स्थापित भारत का दूसरा सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है।
'बढ़ार' क्या है?
364 06408b85ea37bb1a5e16b59c1सही उत्तर विवाह भोज है। प्रमुख बिंदु। बधार. शादी के दूसरे दिन दूल्हे की ओर से दावत दी जाती है, इसे बदर की दावत कहा जाता है।