प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: निम्नलिखित में से कौन सा व्यक्तिगत स्वतंत्रता का आधार है-
548 06532656ad40bec75a927c074
6532656ad40bec75a927c074- 1परमादेशfalse
- 2बंदी प्रत्यक्षीकरणtrue
- 3अधिकार पृच्छाfalse
- 4उत्प्रेषणfalse
- उत्तर देखेंउत्तर छिपाएं
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 2. "बंदी प्रत्यक्षीकरण"
व्याख्या :
व्याख्या:- यह अदालत द्वारा उस व्यक्ति को जारी किया गया एक आदेश है जिसने दूसरे व्यक्ति को हिरासत में लिया है, ताकि उसके सामने उसके शव को पेश किया जा सके।
प्र: निम्नलिखित में से किस रिट को व्यक्तिगत स्वतंत्रता का बुलवर्क कहा जाता है-
583 0653264e62f3bde70c149ffb4
653264e62f3bde70c149ffb4- 1परमादेशfalse
- 2बंदी प्रत्यक्षीकरणtrue
- 3अधिकार पृच्छाfalse
- 4उत्प्रेषणfalse
- उत्तर देखेंउत्तर छिपाएं
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 2. "बंदी प्रत्यक्षीकरण "
व्याख्या :
व्याख्या:- अनुच्छेद 32 के अंतर्गत बंदी प्रत्यक्षीकरण को व्यक्तिगत स्वतंत्रता की दीवार कहा गया है। यह सरकारी और गैर सरकारी व्यक्ति के खिलाफ जारी किया जा सकता है।
बंदी प्रत्यक्षीकरण कानून का एक सहारा है जिसके तहत कोई व्यक्ति अदालत के समक्ष, आमतौर पर जेल अधिकारी के माध्यम से, गैरकानूनी हिरासत या कारावास की रिपोर्ट कर सकता है।
प्र: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द स्त्रीलिंग हैं?
1255 161248347d90bac3993e4d9bf
61248347d90bac3993e4d9bf- 1व्यंजनfalse
- 2विवादfalse
- 3वनfalse
- 4वकालतtrue
- उत्तर देखेंउत्तर छिपाएं
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 4. "वकालत"
व्याख्या :
1. संज्ञा शब्द के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे लिंग कहते हैं।
- पुल्लिंग – जो शब्द पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे पुल्लिंग कहलाते हैं; जैसे- विद्वान मोती, कौआ, खरगोश, मंडल घोड़ा, हाथी, कुत्ता, आयुष पक्षी, चीता, पानी आदि।
- स्त्रीलिंग - जो शब्द स्त्रीलिंग जाति का बोध कराते हैं, वे स्त्रीलिंग कहलाते हैं; जैसे- वकालत, कवयित्री, लिपि, पढ़ाई, समझ,ममता, चील, जोंक, कोयल, विदुषी, तृष्णा, बेटी, पुत्री, शिक्षिका, गाय, मोरनी, माता, लड़की, भेद, गाय, भैंस, बकरी, लोमड़ी, बंदरिया, मछली, बुढिया, शेरनी, नारी, रानी आदि।
प्र:निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नके उत्तर दीजिए :
इतिहास प्रमाणित कर देता है कि ऐसे दासत्व बहुत काल के उपरान्त एक अद्भुत संहारक शक्ति को जन्म देते हैं, जिसकी बाढ़ को रोकने में शक्तिशाली भी समर्थ नहीं हो सके। मनुष्य स्वभावतः जीवन से बहुत प्यार करता है, परन्तु जब सहयोगियों के निष्ठुर उत्पीड़न से वह नितान्त दुर्वह हो उठता है, तब उसकी ममता घोरतम विरक्ति में परिवर्तित हो जाती है। पीड़ितों का समाधान संभव हो सकता है, परन्तु ऐसे में हताश और जीवन के प्रति निर्मम व्यक्तियों का संभाषण संभव नहीं है। ऐसे व्यक्तियों का वेग आँधी के समान चक्षुहीन, बाढ़ के समान दिशाहीन और विद्युत के समान लक्ष्यहीन हो जाता है।
निम्न में से स्त्रीलिंग शब्द है
982 0621f43b630b5265430efc182
621f43b630b5265430efc182इतिहास प्रमाणित कर देता है कि ऐसे दासत्व बहुत काल के उपरान्त एक अद्भुत संहारक शक्ति को जन्म देते हैं, जिसकी बाढ़ को रोकने में शक्तिशाली भी समर्थ नहीं हो सके। मनुष्य स्वभावतः जीवन से बहुत प्यार करता है, परन्तु जब सहयोगियों के निष्ठुर उत्पीड़न से वह नितान्त दुर्वह हो उठता है, तब उसकी ममता घोरतम विरक्ति में परिवर्तित हो जाती है। पीड़ितों का समाधान संभव हो सकता है, परन्तु ऐसे में हताश और जीवन के प्रति निर्मम व्यक्तियों का संभाषण संभव नहीं है। ऐसे व्यक्तियों का वेग आँधी के समान चक्षुहीन, बाढ़ के समान दिशाहीन और विद्युत के समान लक्ष्यहीन हो जाता है।
- 1मनुष्यfalse
- 2ममताtrue
- 3निष्ठुरfalse
- 4सबलfalse
- उत्तर देखेंउत्तर छिपाएं
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 2. "ममता"
व्याख्या :
1. संज्ञा शब्द के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे लिंग कहते हैं।
- पुल्लिंग – जो शब्द पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे पुल्लिंग कहलाते हैं; जैसे- विद्वान मोती, कौआ, खरगोश, मंडल घोड़ा, हाथी, कुत्ता, आयुष पक्षी, चीता, पानी आदि।
- स्त्रीलिंग - जो शब्द स्त्रीलिंग जाति का बोध कराते हैं, वे स्त्रीलिंग कहलाते हैं; जैसे- ममता, चील, जोंक, कोयल, विदुषी, तृष्णा, बेटी, पुत्री, शिक्षिका, गाय, मोरनी, माता, लड़की, भेद, गाय, भैंस, बकरी, लोमड़ी, बंदरिया, मछली, बुढिया, शेरनी, नारी, रानी आदि।
प्र: निम्नलिखित में से किस रिट के तहत, किसी व्यक्ति को ऐसे किसी भी कर्तव्य को करने के लिए प्रतिबंधित किया जाता है जिसके लिए उसके पास अधिकार नहीं है-
499 065326026d40bec75a927bb5a
65326026d40bec75a927bb5a- 1परमादेशfalse
- 2अधिकार पृच्छाtrue
- 3उत्प्रेषणfalse
- 4बंदी प्रत्यक्षीकरणfalse
- उत्तर देखेंउत्तर छिपाएं
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 2. "अधिकार पृच्छा"
व्याख्या :
व्याख्या:- अधिकार पृच्छा एक विशेषाधिकार रिट है जिसमें उस व्यक्ति को, जिसे यह निर्देशित किया जाता है, यह दिखाने की आवश्यकता होती है कि किसी अधिकार या शक्ति (या "मताधिकार") का प्रयोग करने के लिए उनके पास कौन सा अधिकार है, जिसे वे धारण करने का दावा करते हैं।अधिकार पृच्छा एक विशेषाधिकार रिट है जिसमें उस व्यक्ति को, जिसे यह निर्देशित किया जाता है, यह दिखाने की आवश्यकता होती है कि किसी अधिकार या शक्ति (या "मताधिकार") का प्रयोग करने के लिए उनके पास कौन सा अधिकार है, जिसे वे धारण करने का दावा करते हैं।
प्र: निम्नलिखित में से कौन रिट जारी करता है-
494 065325b6a2f3bde70c149f2b4
65325b6a2f3bde70c149f2b4- 1कोई भी उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालयtrue
- 2कोई भी न्यायालयfalse
- 3जिला न्यायालयfalse
- 4प्रशासनिक न्यायाधिकरणfalse
- उत्तर देखेंउत्तर छिपाएं
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 1. "कोई भी उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय"
व्याख्या :
व्याख्या:- उच्चतम न्यायालय (अनुच्छेद 32) और उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226) को रिट जारी करने का अधिकार है।
प्र: निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के तहत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर कोई भी व्यक्ति सर्वोच्च न्यायालय जा सकता है-
509 065325ae562ea2aa6a39c097c
65325ae562ea2aa6a39c097c- 1अनुच्छेद32true
- 2अनुच्छेद 28false
- 3अनुच्छेद 29false
- 4अनुच्छेद31false
- उत्तर देखेंउत्तर छिपाएं
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 1. "अनुच्छेद32"
व्याख्या :
व्याख्या:- अनुच्छेद 32 के तहत कोई भी व्यक्ति मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में सीधे सर्वोच्च न्यायालय जा सकता है।
प्र: संविधान के किस भाग में मौलिक अधिकार निहित हैं-
490 065325a4fa162b16514551c51
65325a4fa162b16514551c51- 1भाग 2false
- 2भाग-1false
- 3भाग 4false
- 4भाग 3true
- उत्तर देखेंउत्तर छिपाएं
- Workspace
- SingleChoice
उत्तर : 4. "भाग 3"
व्याख्या :
व्याख्या:- मौलिक अधिकार संविधान के भाग 3 में अनुच्छेद 12 से 35 तक निहित हैं।

