General Hindi Question and Answer प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: 'गुरुदक्षिणा' शब्द का समास विग्रह होगा -
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63908bca58400a550dd05f0e- 1गुरु की दक्षिणाfalse
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उत्तर : 2. "गुरु के लिए दक्षिणा"
व्याख्या :
1. 'गुरुदक्षिणा' शब्द का समास विग्रह है 'गुरु के लिए दक्षिणा'।
2. गुरु-दक्षिणा तत्पुरुष समास की परिभाषा के अनुसार जिस पद में द्वितीय पद प्रधान हो, वहां तत्पुरुष समास होता है। गुरु-दक्षिणा में द्वितीय प्रधान है, इसके लिए यहां पर तत्पुरुष समास है।
- पुत्रदक्षिणा = पुत्र के लिए दक्षिणा
- पितृदक्षिणा = पिता के लिए दक्षिणा
- भक्तदक्षिणा = भक्त के लिए दक्षिणा
- देवदक्षिणा = देवता के लिए दक्षिणा
प्र: 'वागीश' शब्द में कौनसी संधि है?
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63908b7c34f83f14729ee6c1- 1व्यंजन संधिtrue
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उत्तर : 1. "व्यंजन संधि"
व्याख्या :
1. 'वागीश' शब्द में व्यंजन संधि है। व्यंजन संधि में, जब दो या दो से अधिक व्यंजन एक साथ आते हैं, तो उनमें से एक व्यंजन का लोप हो जाता है या उनमें से कोई अन्य व्यंजन बन जाता है।
2. 'वागीश' शब्द में, 'वाक्' के अंत में व्यंजन 'क्' है और 'ईश' के आरंभ में व्यंजन 'इ' है। इन दोनों व्यंजनों के मेल से 'गी' व्यंजन बनता है। इसलिए, 'वागीश' शब्द में व्यंजन संधि है।
3. वागीश' शब्द का संधि विच्छेद वाक् + ईश = वागीश है।
प्र: 'एकैक' शब्द में कौनसी संधि है?
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63908b2a34f83f14729ee5d5- 1दीर्घfalse
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उत्तर : 2. "वृद्धि"
व्याख्या :
1. 'एकैक' में वृद्धि संधि है।
2. एक + एक = एकैक' (अ + ए = ऐ), यहाँ 'अ' और 'ए' के मेल से 'ऐ' बना है।
3. अ आ का ए ऐ से मेल होने पर ऐ अ आ का ओ, औ से मेल होने पर औ हो जाता है।
प्र: 'यथाशक्ति' शब्द में कौनसा समास है?
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632db3971656651c9eaaf11e- 1अव्ययीभावtrue
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उत्तर : 1. "अव्ययीभाव"
व्याख्या :
यथाशक्ति में अव्ययीभाव समास है। यथाशक्ति का समास विग्रह है शक्ति के अनुसार। इस शब्द में पहला पद, “यथा” अव्यय है। अव्ययीभाव समास की परिभाषा के अनुसार, जिस समास में पहला या प्रथम पद अव्यय और दूसरा पद संज्ञा हो, वह अव्ययीभाव समास कहलाता है।
1. अव्ययीभाव समास उदहारण
2. आजीवन – जीवनभर
3. निर्विवाद- बिना विवाद के
4. प्रतिदिन- प्रति दिन
5. यथाशीघ्र – जितना शीघ्र हो सके
प्र: 'यथाशक्ति' शब्द का समास विग्रह होगा -
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63908ac234f83f14729ee456- 1शक्ति के अनुसारtrue
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उत्तर : 1. "शक्ति के अनुसार"
व्याख्या :
यथाशक्ति में अव्ययीभाव समास है। यथाशक्ति का समास विग्रह है शक्ति के अनुसार। इस शब्द में पहला पद, “यथा” अव्यय है। अव्ययीभाव समास की परिभाषा के अनुसार, जिस समास में पहला या प्रथम पद अव्यय और दूसरा पद संज्ञा हो, वह अव्ययीभाव समास कहलाता है।
1. अव्ययीभाव समास उदहारण
2. आजीवन – जीवनभर
3. निर्विवाद- बिना विवाद के
4. प्रतिदिन- प्रति दिन
5. यथाशीघ्र – जितना शीघ्र हो सके
प्र: 'प्रेषण' शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग है-
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63908a6451489f1da5f3affa- 1प्रेfalse
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उत्तर : 2. "प्र"
व्याख्या :
1. 'प्रेषण' शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग है 'प्र'। यह उपसर्ग क्रियाओं के अर्थ में 'आगे बढ़ाना', 'प्रचार करना', 'प्रयोग करना', 'प्रहार करना', 'प्रयत्न करना' आदि का बोध कराता है।
2. 'प्रेषण' शब्द का मूल शब्द है 'सहन'। 'प्र' उपसर्ग के जुड़ने से 'प्रेषण' शब्द बनता है, जिसका अर्थ है 'आगे भेजना'।
3. इस प्रकार, 'प्रे' शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग है।
- प्र + हार = प्रहार | मारना
- प्र + चलना = प्रचलन | प्रचलित होना
- प्र + प्रेम = प्रेम | प्रेम करना
- प्र + प्रकाश = प्रकाश | प्रकाशित करना
प्र: बुद्ध के कुल का नाम बताइए-
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6335b5302ff7535af6821145- 1चंपाfalse
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उत्तर : 3. "शाक्य"
व्याख्या :
व्याख्या:- महात्मा बुद्ध शाक्य वंश के थे। सबसे प्रसिद्ध शाक्य गौतम बुद्ध थे, जो लुम्बिनी के शासक गौतम वंश के सदस्य थे, जिन्हें "शाक्यमुनि बुद्ध" के नाम से भी जाना जाता है।
प्र: किस विकल्प में सभी शब्द शुद्ध हैं-
3628 163d0c6c7e144980db7274089
63d0c6c7e144980db7274089- 1मध्येनजर, चारागाह, तंदुरस्तfalse
- 2तंदुरुस्त, मद्देनजर, चरागाहtrue
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