General Hindi Question and Answer प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र:निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
आचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
राजकुमार में कौन सा समास है?
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6231e6309980d16e3644134aआचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
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उत्तर : 1. "तत्पुरुष समास"
प्र: निम्नलिखित में से किस शब्द में 'ईय' प्रत्यय है?
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634835f070d7b666d7edfb35- 1उत्तरदायीfalse
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उत्तर : 3. "मानवीय "
प्र:निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
सुखी, सफल और उत्तम जीवन जीने के लिए किए गए आचरण और प्रयत्नों का नाम ही धर्म है। देश, काल और सामाजिक मूल्यों की दृष्टि से संसार में भारी विविधता है , अतएव अपने - अपने ढंग से जीवन को पूर्णता की ओर ले जानेवाले विविध धर्मों के बीच भी ऊपर से विविधता दिखाई देती है। आदमी का स्वभाव है कि वह अपने विचारों और जीने के तौर तरीकों को तथा अपनी भाषा और खानपान को सर्वश्रेष्ठ मानता है तथा चाहता है कि लोग उसी का अनुसरण और अनुकरण करें; यथाशक्ति दूसरों से अपने धर्म को श्रेष्ठतर समझते हुए वह चाहता है कि सभी लोग उसे अपनाएँ। इसके लिए वह जोर - जबर्दस्ती को भी बुरा नहीं समझता। धर्म के नाम पर होनेवाले जातिगत विद्वेष, मारकाट और हिंसा के पीछे मनुष्य की यही स्वार्थ भावना काम करती है।
'अपने हित के लिए किया गया कार्य' वाक्यांश के लिए एक शब्द है
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6231e3e1de069f6e1b88479bसुखी, सफल और उत्तम जीवन जीने के लिए किए गए आचरण और प्रयत्नों का नाम ही धर्म है। देश, काल और सामाजिक मूल्यों की दृष्टि से संसार में भारी विविधता है , अतएव अपने - अपने ढंग से जीवन को पूर्णता की ओर ले जानेवाले विविध धर्मों के बीच भी ऊपर से विविधता दिखाई देती है। आदमी का स्वभाव है कि वह अपने विचारों और जीने के तौर तरीकों को तथा अपनी भाषा और खानपान को सर्वश्रेष्ठ मानता है तथा चाहता है कि लोग उसी का अनुसरण और अनुकरण करें; यथाशक्ति दूसरों से अपने धर्म को श्रेष्ठतर समझते हुए वह चाहता है कि सभी लोग उसे अपनाएँ। इसके लिए वह जोर - जबर्दस्ती को भी बुरा नहीं समझता। धर्म के नाम पर होनेवाले जातिगत विद्वेष, मारकाट और हिंसा के पीछे मनुष्य की यही स्वार्थ भावना काम करती है।
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उत्तर : 3. "स्वार्थ "
प्र: वर्तनी संबंधी अशुद्धि से युक्त कौनसा शब्द है?
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636ba14fd0e779202703da10- 1श्रीमतीfalse
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उत्तर : 4. "अभिसेक"
प्र:निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
सुखी, सफल और उत्तम जीवन जीने के लिए किए गए आचरण और प्रयत्नों का नाम ही धर्म है। देश, काल और सामाजिक मूल्यों की दृष्टि से संसार में भारी विविधता है , अतएव अपने - अपने ढंग से जीवन को पूर्णता की ओर ले जानेवाले विविध धर्मों के बीच भी ऊपर से विविधता दिखाई देती है। आदमी का स्वभाव है कि वह अपने विचारों और जीने के तौर तरीकों को तथा अपनी भाषा और खानपान को सर्वश्रेष्ठ मानता है तथा चाहता है कि लोग उसी का अनुसरण और अनुकरण करें; यथाशक्ति दूसरों से अपने धर्म को श्रेष्ठतर समझते हुए वह चाहता है कि सभी लोग उसे अपनाएँ। इसके लिए वह जोर - जबर्दस्ती को भी बुरा नहीं समझता। धर्म के नाम पर होनेवाले जातिगत विद्वेष, मारकाट और हिंसा के पीछे मनुष्य की यही स्वार्थ भावना काम करती है।
'उत्तम' का विलोम है
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6231e37eafe5316e153c3161सुखी, सफल और उत्तम जीवन जीने के लिए किए गए आचरण और प्रयत्नों का नाम ही धर्म है। देश, काल और सामाजिक मूल्यों की दृष्टि से संसार में भारी विविधता है , अतएव अपने - अपने ढंग से जीवन को पूर्णता की ओर ले जानेवाले विविध धर्मों के बीच भी ऊपर से विविधता दिखाई देती है। आदमी का स्वभाव है कि वह अपने विचारों और जीने के तौर तरीकों को तथा अपनी भाषा और खानपान को सर्वश्रेष्ठ मानता है तथा चाहता है कि लोग उसी का अनुसरण और अनुकरण करें; यथाशक्ति दूसरों से अपने धर्म को श्रेष्ठतर समझते हुए वह चाहता है कि सभी लोग उसे अपनाएँ। इसके लिए वह जोर - जबर्दस्ती को भी बुरा नहीं समझता। धर्म के नाम पर होनेवाले जातिगत विद्वेष, मारकाट और हिंसा के पीछे मनुष्य की यही स्वार्थ भावना काम करती है।
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उत्तर : 2. "अधम "
प्र: कर्तृवाच्य में क्रिया के लिंग, वचन व पुरुष का रूप किस शब्द से प्रभावित होता है?
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632db0561656651c9eaaed1a- 1क्रिया सेfalse
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उत्तर : 2. "कर्ता से"
प्र: 'यथाशक्ति' शब्द का समास विग्रह होगा -
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63908ac234f83f14729ee456- 1शक्ति के अनुसारtrue
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उत्तर : 1. "शक्ति के अनुसार"
व्याख्या :
यथाशक्ति में अव्ययीभाव समास है। यथाशक्ति का समास विग्रह है शक्ति के अनुसार। इस शब्द में पहला पद, “यथा” अव्यय है। अव्ययीभाव समास की परिभाषा के अनुसार, जिस समास में पहला या प्रथम पद अव्यय और दूसरा पद संज्ञा हो, वह अव्ययीभाव समास कहलाता है।
1. अव्ययीभाव समास उदहारण
2. आजीवन – जीवनभर
3. निर्विवाद- बिना विवाद के
4. प्रतिदिन- प्रति दिन
5. यथाशीघ्र – जितना शीघ्र हो सके
प्र: निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य शुद्ध है?
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615a613ef5309d6dfbde7e88- 1विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक का अध्ययन उपयोगी होगा।true
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