General Hindi Question and Answer प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: निम्नलिखित में अशुद्ध शब्द समूह का विकल्प छाँटिए।
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6345658f455735285602491f- 1राजमार्ग, ऋणी, होशियारfalse
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- 4जागृति, दिनांक, प्रभुfalse
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उत्तर : 3. "षड़यन्त्र, ज्योत्सना, श्राप"
प्र: वर्तनी की दृष्टि से शुद्ध शब्द है -
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6348c0d94557352856145421- 1अतिथीfalse
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उत्तर : 4. "गीताजंलि"
प्र: 'पाँच तंत्रों का समाहार' विग्रह का सही समास है -
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634933aadb1512671504375e- 1पंचतंत्रtrue
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उत्तर : 1. "पंचतंत्र"
प्र: 'एक पंथ दो काज' मुहावरे का उचित अर्थ है –
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633294955c208a6bf7054737- 1एक साथ दो-दो दोष।false
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- 3एक प्रयत्न से दो काम हो जाना।true
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उत्तर : 3. "एक प्रयत्न से दो काम हो जाना।"
प्र: 'विरंचि' शब्द किस का पर्यायवाची है?
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6332c85fbf6167733bdb1559- 1ब्रह्माtrue
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उत्तर : 1. "ब्रह्मा"
प्र:निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए:
हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता था। अहिंसा की भावना सर्वोपरि थी। आज पूरा जीवन दर्शन ही बदल गया है। सर्वत्र पैसे की हाय हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य ध्येय हो गया है, भले ही धन - उपार्जन के तरीके गलत ही क्यों न हों। इन सबका असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा है। समाज का वातावरण दूषित हो गया है। इन सबके कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैं।
आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा है। पाँच रुपये मिलने पर दस दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हजार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल है। इस दौड़ का कोई अंत नहीं । धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गए। व्यक्ति सत्य - असत्य, उचित - अनुचित, न्याय - अन्याय और अपने - पराए के भेद - भाव को भूल गया। उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहीं धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा है। भाई - भाई के खून का प्यासा है। धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही है। इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैं। इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगे।
'शारीरिक' शब्द में प्रत्यय करने पर शब्द बनेगा-
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6241d2b5a5fde25dcf48558fहमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता था। अहिंसा की भावना सर्वोपरि थी। आज पूरा जीवन दर्शन ही बदल गया है। सर्वत्र पैसे की हाय हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य ध्येय हो गया है, भले ही धन - उपार्जन के तरीके गलत ही क्यों न हों। इन सबका असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा है। समाज का वातावरण दूषित हो गया है। इन सबके कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैं।
आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा है। पाँच रुपये मिलने पर दस दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हजार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल है। इस दौड़ का कोई अंत नहीं । धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गए। व्यक्ति सत्य - असत्य, उचित - अनुचित, न्याय - अन्याय और अपने - पराए के भेद - भाव को भूल गया। उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहीं धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा है। भाई - भाई के खून का प्यासा है। धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही है। इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैं। इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगे।
- 1शरीर+ ईकfalse
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- 3शरिर+ इकfalse
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उत्तर : 2. "शरीर+ इक "
प्र: 'अधकचरा' शब्द किस उपसर्ग से बना है?
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63456e963a01e50b2707184b- 1अ उपसर्गfalse
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उत्तर : 2. "अध उपसर्ग"
प्र: कार्यालयी पत्र में सबसे ऊपर लिखा जाता है –
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636508b7d054d401561574d2- 1पत्र क्रमांकfalse
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