Rajasthan Art and Culture प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: निम्न में से कौन सी संस्था कठपुतली कला के राजस्थान में संरक्षण - संवर्धन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिए जानी जाती है?
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62a096a4cae9f820bae59f76- 1इंडियन आर्ट पैलेस, दिल्लीfalse
- 2सार्दूल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्यूट, बीकानेरfalse
- 3भारतीय लोक कला मंडल, उदयपुरtrue
- 4राजस्थानी शोध संस्थान, जोधपुरfalse
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उत्तर : 3. "भारतीय लोक कला मंडल, उदयपुर "
व्याख्या :
1. भारतीय लोक कला मंडल राजस्थान में कठपुतली कला के संरक्षण और संवर्धन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है। यह संस्था 1952 में उदयपुर में स्थापित की गई थी। इसका उद्देश्य लोक कलाओं, प्रदर्शन कलाओं और कठपुतलियों के क्षेत्र में ज्ञान और शोध को बढ़ावा देना है।
2. भारतीय लोक कला मंडल कठपुतली कला के विभिन्न रूपों को संरक्षित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करता है। इनमें कठपुतली कलाकारों का प्रशिक्षण, कठपुतली नाटकों का प्रदर्शन और कठपुतली कला पर शोध करना शामिल है।
प्र: चारबैत क्या है?
1181 062a093a9df19be4c4af79043
62a093a9df19be4c4af79043- 1नाथ समुदाय से जुड़ा प्रसिद्ध नृत्यfalse
- 2गैर नृत्य के साथ प्रयुक्त वाद्यfalse
- 3गरासिया जनजाति से जुड़ा गीतfalse
- 4काव्य से भरपूर एक लोकनाट्य विधाtrue
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उत्तर : 4. "काव्य से भरपूर एक लोकनाट्य विधा "
व्याख्या :
1. चारबैत एक 400 साल पुरानी पारंपरिक प्रदर्शन कला है, जिसे कलाकारों या गायकों के एक समूह द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। चारबैत या चार श्लोक लोककथाओं और प्रदर्शन कला का एक रूप है।
2. यह आज भी मुख्य रूप से रामपुर (उत्तर प्रदेश), टोंक (राजस्थान), भोपाल (मध्य प्रदेश) और हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) में जीवित है।
3. चारबैत शब्द की उत्पत्ति का पता फ़ारसी भाषा में लगाया जा सकता है जहाँ यह चार-श्लोक कविता को संदर्भित करता है जिसमें प्रत्येक छंद चार पंक्तियों से बना होता है।
प्र: 'पाबूजी की फड़' में भोपा द्वारा प्रयोग किया जाने वाला लोकवाद्य है
6320 062a08fbd03a63656a29c314c
62a08fbd03a63656a29c314c- 1रावण हत्थाtrue
- 2कुण्डीfalse
- 3मंजीराfalse
- 4पूँगीfalse
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उत्तर : 1. "रावण हत्था "
व्याख्या :
1. 'पाबूजी की फड़' में भोपा द्वारा प्रयोग किया जाने वाला लोकवाद्य रावणहत्था है। यह एक प्रकार का वाद्य यंत्र है जो एक नारियल की कटोरी से बना होता है। इस कटोरी के नीचे एक छेद होता है और इस छेद में एक लकड़ी का डंडा होता है। भोपा इस डंडे को बजाकर 'पाबूजी की फड़' गाते हैं।
2. 'पाबूजी की फड़' राजस्थान के लोक देवता पाबूजी के जीवन और वीरता का वर्णन करती है। यह एक प्रकार की लोक चित्रकला है जो एक कपड़े पर बनाई जाती है। 'पाबूजी की फड़' को भोपा द्वारा गाते हुए सुनाया जाता है। भोपा 'पाबूजी की फड़' गाते समय रावणहत्था बजाते हैं।
प्र: राजस्थान के प्रमुख पशु - मेलों तथा उनसे सम्बद्ध स्थलों के विषय में निम्न में से कौन सा युग्म असत्य है?
1450 062a08e9e94471d207367e19a
62a08e9e94471d207367e19a- 1चन्द्रभागा पशु मेला - झालावाड़false
- 2सारणेश्वर पशु मेला - नागौरtrue
- 3तिलवाड़ा पशु मेला - बाडमेरfalse
- 4जसवन्त पशु मेला - भरतपुरfalse
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उत्तर : 2. "सारणेश्वर पशु मेला - नागौर"
व्याख्या :
राजस्थान के प्रमुख पशु - मेलों के संबंध युग्म सत्य है।
( 1 ) चन्द्रभागा पशु मेला - झालावाड़
( 2 ) सारणेश्वर पशु मेला - सिरोही
( 3 ) तिलवाड़ा पशु मेला - बाडमेर
( 4 ) जसवन्त पशु मेला - भरतपुर
प्र: प्रसिद्ध घोटिया अम्बा का मेला राजस्थान के किस जिले से सम्बद्ध है?
1105 062a08dd3df19be4c4af776ed
62a08dd3df19be4c4af776ed- 1सीकरfalse
- 2बाँसवाड़ाtrue
- 3झालावाड़false
- 4जालौरfalse
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उत्तर : 2. "बाँसवाड़ा "
व्याख्या :
घोटिया अम्बा मेला बाँसवाड़ा, राजस्थान में लगता है। राजस्थान में बेणेश्वर के अलावा एक और बड़ा 'घोटिया अम्बा मेला' है, जो बांसवाड़ा जिले में घोटिया नामक स्थान पर चैत्र की अमावस्या को भरता है।
प्र: खेजड़ी वृक्ष (शमी वृक्ष) की पूजा का प्रावधान किस पर्व से जुड़ा है?
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62a08cddcae9f820bae57169- 1गणगौर पर्वfalse
- 2दीपावली पर्वfalse
- 3दशहरा पर्वtrue
- 4पर्यूषण पर्वfalse
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उत्तर : 3. "दशहरा पर्व "
व्याख्या :
1. खेजड़ी वृक्ष (शमी वृक्ष) की पूजा का प्रावधान दशहरे पर्व से जुड़ा है। दशहरे के दिन, शमी के वृक्ष की पूजा करने से पापों का नाश होता है और विजय की प्राप्ति होती है। इस दिन, शमी के वृक्ष के नीचे पूजा की जाती है और शमी के पत्तों को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।
2. शमी के वृक्ष को हिंदू धर्म में एक पवित्र वृक्ष माना जाता है। इस वृक्ष को शनि देव का निवास स्थान माना जाता है। शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। इसलिए, शमी के वृक्ष की पूजा करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
प्र: राजस्थान के प्रमुख संत तथा उनके द्वारा स्थापित सम्प्रदायों के सम्बन्ध में कौन से युग्म सही हैं?
A. रामचरणजी - राम स्नेही सम्प्रदाय (शाहपुरा)
B. लालगिरिजी - अलखिया सम्प्रदाय
C. हरिदासजी - निरंजनी सम्प्रदाय
D. संतदासजी - गूदंड़ सम्प्रदाय
अपने उत्तर निम्न कूटों की सहायता से दीजिए :
843 062a0888c94471d207367d42e
62a0888c94471d207367d42e- 1मात्र A और C सही हैं।false
- 2मात्र A और B सही हैं।false
- 3मात्र A , C और D सही हैं।false
- 4A , B , C और D सभी युग्म सही हैं।true
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उत्तर : 4. "A , B , C और D सभी युग्म सही हैं। "
व्याख्या :
सभी युग्म सही हैं।
A. रामचरणजी - राम स्नेही सम्प्रदाय (शाहपुरा)
B. लालगिरिजी - अलखिया सम्प्रदाय
C. हरिदासजी - निरंजनी सम्प्रदाय
D. संतदासजी - गूदंड़ सम्प्रदाय
प्र: सेन (नाई) समाज की कुलदेवी के रूप में प्रसिद्ध लोक - देवी कौन हैं?
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62a087e394471d207367d27a- 1शीतला माताfalse
- 2आई माताfalse
- 3घेवर माताfalse
- 4नारायणी माताtrue
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उत्तर : 4. "नारायणी माता "
व्याख्या :
1. राजस्थान में लोक देवी—देवताओं के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं।
2. इनमें करणी माता, जीण माता, भृतहरि जी, गोगा जी, पाबूजी और नारायणी माता आदि प्रमुख हैं।
3. नारायणी माता का मंदिर इस खास वजह से प्रसिद्ध है, क्योंकि सैन समाज इसे अपनी कुलदेवी मानता है।
4. अलवर जिले में विश्वप्रसिद्ध भानगढ़ के किले से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर नारायणी माता का मन्दिर स्थित है।

