जैन परम्परा के अनुसार जैन धर्म में कुल कितने तीर्थंकर हुए हैं?
237 063be73c78f5b1f774c4cb00cजैनियों के पहले तीर्थंकर कौन थे?
215 063d0efca307947462be9b66d1. जैन धर्म और बौद्ध धर्म की उत्पत्ति बाद के वैदिक काल के दौरान हुई जब जन महाजनपदों में विकसित हो रहे थे।
2. जैन धर्म की स्थापना ऋषभदेव ने की थी जिनका जन्म अयोध्या में हुआ था और उनका प्रतीक बैल था।
क्र. सं. - नाम - प्रतीक - जन्मस्थान
1 ऋषभनाथ (आदिनाथ) सांड अयोध्या
2 अजीतनाथ हाथी अयोध्या
22 नेमिनाथ शंख द्वारका
23 पार्श्वनाथ साँप काशी
24 महावीर सिंह शेर क्षत्रियकुंड
राजवंश, जो अलाउद्दीन के आक्रमण के समय देवगिरी पर शासन कर रहा था, वह है-
545 2626657543f8f6e56b62cd74e1. रामचंद्र जिसे रामदेव भी कहा जाता है। भारत के देवगिरि के यादव वंश का शासक था। रामचंद्र यादव राज कृष्ण के पुत्र थे।
2. 1296 ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने जलालुद्दीन खिलजी को बिना बताए ही देवगिरी पर पुनः आक्रमण कर दिया और रामचंद्र देव की पुत्री को अगवा कर कड़ा वापस ले आया।यह सुनकर जलालुद्दीन खिलजी अलाउद्दीन से मिलने पहुंचा, जहां अलाउद्दीन ने धोखे से उसकी हत्या कर दी।
साइमन कमीशन का भारत आगमन किस वर्ष हुआ ?
655 0610baf495697913e672b50c11. साइमन कमीशन ने कुल 2 बार भारत का दौरा किया था। पहली बार वह फरवरी-मार्च 1928 में भारत आया था, जबकि दूसरी बार वह अक्टूबर 1928 में भारत आया था। साइमन कमीशन ने मई 1930 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी और यह रिपोर्ट 27 मई, 1930 को ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रकाशित की गई थी।
2. साइमन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा था की भारत में उच्च न्यायालय को भारत सरकार के अधीन रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, प्रांतों में उत्तरदाई शासन लागू करने की प्रक्रिया आरंभ करनी चाहिए।
निम्नलिखित में से किसने 'बरना परिचय' नामक पुस्तक लिखी है?
262 06576eeb13860b97b4b849f44ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने 'बरना परिचय' नामक पुस्तक लिखी है। यह पुस्तक 1855 में प्रकाशित हुई थी और यह बंगाली भाषा की पहली आधुनिक प्रवेशिका थी। इस पुस्तक ने बंगाली भाषा के प्रचार और प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
निम्नलिखित में से किस स्थल पर एक प्राचीन काल का मंदिर है जिसका नाम लाड खान मंदिर है?
297 06576ecbefd78a97b0a43f0c6लाड खान मंदिर भारत के कर्नाटक के बागलकोट जिले के एक ऐतिहासिक स्थल प्राचीन शहर ऐहोल में स्थित एक प्रमुख प्राचीन हिंदू मंदिर है। माना जाता है कि लाड खान मंदिर 5वीं या 6 वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान बनाया गया था, जो इसे ऐहोल में सबसे पुराने जीवित मंदिरों में से एक बनाता है, साथ ही लाड खान मंदिर एक उल्लेखनीय स्मारक है जो इस क्षेत्र की समृद्ध स्थापत्य विरासत को प्रदर्शित करता है।। इसका नाम एक मुस्लिम राजकुमार, लाड खान के नाम पर रखा गया है, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 17वीं शताब्दी के दौरान इस मंदिर को अपने निवास के रूप में इस्तेमाल किया था। मंदिर लाड खान के समय से पहले का है और मूल रूप से भगवान शिव को समर्पित था।