Rajasthan Art History and Culture प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: राजस्थान की किस रियासत ने ब्लू पॉटरी को संरक्षण दिया?
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6311f49cf0d47409ab359bb4- 1बूंदीfalse
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उत्तर : 4. "जयपुर"
व्याख्या :
1. जयपुर के सवाई राम सिंह द्वितीय ने ब्लू पॉटरी को संरक्षण दिया।
2. ब्लू पॉटरी को व्यापक रूप से जयपुर के पारंपरिक शिल्प के रूप में मान्यता प्राप्त है।
3. यह मूल रूप से तुर्क-फ़ारसी का है।
4. अकबर के शासनकाल में यह कला फारस से लाहौर आई थी।
5. इसके बाद राम सिंह प्रथम इसे लाहौर से जयपुर ले लाए। हालाँकि, इस कला क सबसे अधिक विकास राम सवाई सिंह द्वितीय के दौरान हुआ था।
6. उन्होंने इस कला को सीखने के लिए चूड़ामन और कालूराम कुम्हार को दिल्ली भेजा।
प्र: लोक नाट्यकार नानूराम किस ख्याल के मुख्य प्रवर्तक माने जाते हैं?
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6311f3424e3bf85cbe86b3fe- 1शेखावटी ख्यालtrue
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उत्तर : 1. "शेखावटी ख्याल"
व्याख्या :
1. लोक नाट्यकार नानूराम का संबंंद्ध शेखावाटी ख्याल प्रवर्तक माने जाते हैं।
2. वह चिड़ावा, झुंझुनू (राजस्थान) के रहने वाले थे।
3. नानूराम और पुजीरा तेजी के काल को शेखावाटी ख्याल का स्वर्ण काल कहा जाता है।
प्र: प्रसिद्ध लोक देवता पाबूजी का जन्म कब हुआ था?
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उत्तर : 4. "1239"
व्याख्या :
1. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।
2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।
3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।
4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है।
5. पाबूजी की घोड़ी का नाम केसर कालमी था।
प्र: पाबूजी की घोड़ी का नाम क्या था?
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उत्तर : 3. "केसर कलमी"
व्याख्या :
1. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।
2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।
3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।
4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है।
5. पाबूजी की घोड़ी का नाम केसर कालमी था।
प्र: पाबूजी के पिता का नाम क्या था?
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5fdc3d2247af917ef3d63cc6- 1सूरजमलfalse
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उत्तर : 2. "धांधल जी"
व्याख्या :
1. पाबूजी का जन्म 1239 ईस्वी को कोलू (वर्तमान बाड़मेर, राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम धांधल जी राठौड़ था। धांधल जी राठौड़ की चार संताने थी जिनमें से उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां थी। उनके पुत्रों के नाम पाबूजी व बूरा थे तथा उनकी पुत्रियों के नाम सोना व पेमा था।
2. इतिहासकार मुहणौत नैणसी, महाकवि मोडजी आशिया व क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पाबूजी राठौड़ का जन्म अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उनके अनुसार पाबूजी का जन्म स्थान वर्तमान बाड़मेर शहर से 8 कोस आगे खारी खाबड़ के जूना नामक गांव था।
3. पाबूजी का पूजा स्थल कोलू (फलोदी) में है। यहां कोलू में ही प्रतिवर्ष उनका मेला भी भरता है। क्योंकि वे अपने विवाह के बीच में उठकर गायों को बचाने गए थे जिसकी वजह से उन्हें दूल्हे के वस्त्रों में दिखाया जाता है। उनका प्रतीक चिन्ह हाथ में भाला लिए अश्वारोही के रूप में प्रचलित है।
4. पाबूजी को ग्रामीण लोग लक्ष्मण जी का अवतार मानते हैं और लोकदेवता के रूप में पूजते हैं। जनमानस पाबूजी को ऊँटो के देवता के रूप में भी पूजती है। प्र: कोलू गांव किस लोक देवता से सम्बद्ध है?
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उत्तर : 2. " पाबूजी"
व्याख्या :
कोलू गांव पाबूजी से सम्बद्ध है। पाबूजी राजस्थान के लोकदेवता हैं। उन्हें मवेशियों के रक्षक के रूप में पूजा जाता है। उनका जन्म कोलू गांव में हुआ था। कोलू गाँव राजस्थान में जोधपुर जिले की फलौदी तहसील में स्थित है।
प्र: 'वंश भास्कर' के रचयिता कौन हैं?
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उत्तर : 2. "सूर्यमल्ल मिश्रण"
व्याख्या :
1. वंश भास्कर उन्नीसवीं शताब्दी में रचित राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक पिंगल काव्य ग्रंथ है।
2. इस में बूँदी राज्य एवं उत्तरी भारत का इतिहास वर्णित है। वंश भास्कर की रचना चारण कवि सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा की गई थी जो बूँदी के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबारी कवि थे।
प्र: "वंश भास्कर" किस भाषा में लिखा गया है?
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उत्तर : 4. "इनमें से कोई नहीं"
व्याख्या :
1. वंश भास्कर उन्नीसवीं शताब्दी में रचित राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक पिंगल काव्य ग्रंथ है।
2. इस में बूँदी राज्य एवं उत्तरी भारत का इतिहास वर्णित है। वंश भास्कर की रचना चारण कवि सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा की गई थी जो बूँदी के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबारी कवि थे।

