Rajasthan Art History and Culture प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें

प्र:

जोधपुर का महामन्दिर उपासना स्थल है- 

438 0

  • 1
    बिश्नोई संप्रदाय का
    सही
    गलत
  • 2
    दादू संप्रदाय का
    सही
    गलत
  • 3
    रामस्नेही संप्रदाय का
    सही
    गलत
  • 4
    नाथ संप्रदाय का
    सही
    गलत
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  • Workspace

उत्तर : 4. "नाथ संप्रदाय का"
व्याख्या :

जोधपुर में महामंदिर नाथ पंथ की प्रमुख पीठ है। मंदिर के अंदर मुख्य देवता भगवान शिव का है।


प्र:

केसरी सिंह बारहठ ने चेतावनी रा चुंगटिया किसको सम्बोधित करके लिखा?

269 0

  • 1
    महाराणा प्रताप सिंह
    सही
    गलत
  • 2
    महाराणा फतेह सिंह
    सही
    गलत
  • 3
    महाराणा अजीत सिंह
    सही
    गलत
  • 4
    मिर्जा राजा जयसिंह
    सही
    गलत
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  • Workspace

उत्तर : 2. "महाराणा फतेह सिंह"
व्याख्या :

चेतवनी रा चुंगट्या (देवनागरी: चेतावनी रा चुंगटिया; अनुवाद: द पिंचेस ऑफ एडमोनिशन या अर्जेस टू अवेक) 1903 में ठाकुर केसरी सिंह बारहठ द्वारा रचित एक देशभक्तिपूर्ण डिंगल कविता है और मेवाड़ के महाराणा, फतेह सिंह को संबोधित करते हुए उन्हें परंपराओं को बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है। अपने वंश का और दिल्ली में शामिल न होने का...


प्र:

गोविंद देव मन्दिर, जयपुर एवं मदन मोहन मन्दिर, करौली का सम्बन्ध किस सम्प्रदाय से है?

220 0

  • 1
    नाथ
    सही
    गलत
  • 2
    वल्लभ
    सही
    गलत
  • 3
    रामस्नेही
    सही
    गलत
  • 4
    गौड़ीय
    सही
    गलत
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  • Workspace

उत्तर : 4. "गौड़ीय"
व्याख्या :

गोविंद देव मंदिर, जयपुर और मदन मोहन मंदिर, करौली गौड़ीय संप्रदाय से संबंधित हैं। गौड़ीय वैष्णव परंपरा का ऐतिहासिक गोविंद देव जी मंदिर राजस्थान में जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित है। यह मंदिर गोविंद देव जी (कृष्ण) और उनकी पत्नी राधा को समर्पित है।

प्र:

 'बातां री फुलवारी' कितने खण्डों में विभक्त है?

298 0

  • 1
    8
    सही
    गलत
  • 2
    10
    सही
    गलत
  • 3
    14
    सही
    गलत
  • 4
    16
    सही
    गलत
  • उत्तर देखेंउत्तर छिपाएं
  • Workspace

उत्तर : 3. "14"
व्याख्या :

सही उत्तर 14 है। 'बातां री फुलवारी' में 14 खंड हैं। यह कहानियों का एक संग्रह है जो राजस्थान की बोली जाने वाली बोलियों में लोककथाओं पर आधारित है। इसे विजयदान देथा ने लिखा है, जिन्हें बिज्जी के नाम से भी जाना जाता है।


प्र:

श्रीधर अंधारे को किस चित्रशैली को प्रकाश में लाने का श्रेय दिया जाता है ?

392 0

  • 1
    किशनगढ़
    सही
    गलत
  • 2
    देवगढ़
    सही
    गलत
  • 3
    शाहपुरा
    सही
    गलत
  • 4
    उणियारा
    सही
    गलत
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  • Workspace

उत्तर : 2. "देवगढ़"
व्याख्या :

सही उत्तर देवगढ़ है। देवगढ़ शैली की शुरुआत 1660 ई. में द्वारिका दास चूंडावत के समय हुई। श्रीधर अंधारे ने इस पेंटिंग की पहचान की और इसे चावंड की पेंटिंग से अलग किया। इस शैली में शाही दरबार में लड़ते शिकार हाथियों के चित्र बनाए गए हैं।


प्र:

निम्नलिखित में से कौन सा वाद्य यंत्र बाकी तीन से अलग है?

383 0

  • 1
    बांसुरी
    सही
    गलत
  • 2
    मशक
    सही
    गलत
  • 3
    शहनाई
    सही
    गलत
  • 4
    अलगोजा
    सही
    गलत
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  • Workspace

उत्तर : 1. "बांसुरी"
व्याख्या :

अतः, सही उत्तर "बांसुरी" है। गिटार पश्चिमी मूल का है, इसमें 6 तार होते हैं, इसे बजाया या बजाया जाता है, और इसका उपयोग भारतीय संगीत में नहीं किया जाता है।

प्र:

रुक्खा में बाबा रामदेव ने किस पंथ की शुरुआत की थी?

943 0

  • 1
    हिन्दू धर्म
    सही
    गलत
  • 2
    वैष्णव
    सही
    गलत
  • 3
    जसपंत
    सही
    गलत
  • 4
    कामदिया पंथ
    सही
    गलत
  • उत्तर देखेंउत्तर छिपाएं
  • Workspace

उत्तर : 4. "कामदिया पंथ"
व्याख्या :

बाबा रामदेवजी मुस्लिमों के भी आराध्य हैं और वे उन्हें रामसा पीर या रामशाह पीर के नाम से पूजते हैं। रामदेवजी के पास चमत्कारी शक्तियां थी तथा उनकी ख्याति दूर दूर तक फैली। किंवदंती के अनुसार मक्का से पांच पीर रामदेव की शक्तियों का परीक्षण करने आए।


प्र:

एक संतुष्ट समाज के लिए राजस्थान का 'रूणेचा मेला' किस तरह की प्रेरणा देता है?

731 0

  • 1
    पवित्र जीवन
    सही
    गलत
  • 2
    निरंतर भगवान का स्मरण
    सही
    गलत
  • 3
    सांप्रदायिक सौहार्द्र
    सही
    गलत
  • 4
    उगल देना
    सही
    गलत
  • उत्तर देखेंउत्तर छिपाएं
  • Workspace

उत्तर : 3. "सांप्रदायिक सौहार्द्र"
व्याख्या :

राजस्थान में रामदेव जी का मेला भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से ग्यारस तक भरता है। यह मेला जैसलमेर जिले के पोकरण कस्बे के पास स्थित रामदेवरा जिसे रुणिचा धाम भी कहा जाता है,में भरता है। यह मेला हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक भी है। क्योंकि इस मेले में हिंदू एवं मुस्लिम दोनों ही आते हैं।


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