Hindi प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: किस समास में प्रथम पद विशेषण (उपमान) एवं द्वितीय पद विशेष्य (उपमेय) होता है?
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6365096ad054d401561579c6- 1बहुव्रीहि समासfalse
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उत्तर : 2. "कर्मधारय समास"
प्र: 'यथाशक्ति' शब्द का समास विग्रह होगा -
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63908ac234f83f14729ee456- 1शक्ति के अनुसारtrue
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उत्तर : 1. "शक्ति के अनुसार"
व्याख्या :
यथाशक्ति में अव्ययीभाव समास है। यथाशक्ति का समास विग्रह है शक्ति के अनुसार। इस शब्द में पहला पद, “यथा” अव्यय है। अव्ययीभाव समास की परिभाषा के अनुसार, जिस समास में पहला या प्रथम पद अव्यय और दूसरा पद संज्ञा हो, वह अव्ययीभाव समास कहलाता है।
1. अव्ययीभाव समास उदहारण
2. आजीवन – जीवनभर
3. निर्विवाद- बिना विवाद के
4. प्रतिदिन- प्रति दिन
5. यथाशीघ्र – जितना शीघ्र हो सके
प्र: गुरु जी शिष्य को आर्शीवाद दिया | वाक्य में दोषपूर्ण शब्द है -
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6170388b38774c3fc5940b76- 1गुरु जीfalse
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उत्तर : 4. "आर्शीवाद"
प्र: निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य शुद्ध है?
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615a613ef5309d6dfbde7e88- 1विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक का अध्ययन उपयोगी होगा।true
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उत्तर : 1. "विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक का अध्ययन उपयोगी होगा। "
प्र: 'राजर्षि' शब्द में कौनसी संधि है?
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63650bf97722b20175be0d79- 1वृद्धि संधिfalse
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उत्तर : 4. "गुण संधि"
प्र: 'राजपत्र' पारिभाषिक शब्द का समानार्थक अंग्रेजी शब्द है-
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6399a00effa5c734fee35d93- 1HONORARIUMfalse
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उत्तर : 3. "GAZETTE"
प्र:निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
आचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
महर्षि की सन्धि क्या है?
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6231e561de069f6e1b884a63आचार्य द्रोण महर्षि भरद्वाज के पुत्र थे। पांचाल - नरेश का पुत्र द्रुपद भी द्रोण के साथ ही भरद्वाज - आश्रम में शिक्षा पा रहा था। दोनों में गहरी मित्रता थी। कभी - कभी राजकुमार द्रुपद उत्साह में आकर दोण से यहाँ तक कह देता था कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर मैं आधा राज्य तुम्हें दे दूँगा। शक्षा समाप्त होने पर द्रोणाचार्य ने कृपाचार्य की बहन से ब्याह कर लिया। उससे उनके एक पुत्र हुआ, जिसका नाम उन्होंने अश्वत्थामा रखा । द्रोण अपनी पत्नी और पुत्र को बड़ा प्रेम करते थे। द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन गप्त किया जाए और अपनी पत्नी व पुत्र के साथ सुख से रहा जाए । उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं , तो भागे - भागे उनके पास गए , लेकिन उनके नहुँचने तक परशुराम अपनी सारी संपत्ति वितरित कर चुके थे और वन - गमन की तैयारी कर रहे थे । दोण को देखकर वह बोले- " ब्राह्मण श्रेष्ठ ! आपका स्वागत है। पर मेरे पास जो कुछ था , वह मैं बाँट चुका हूँ । अब यह मेरा शरीर और धनुर्विद्या ही है। बताइए, मैं आपके लिए क्या करूँ? "
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- 4इनमे से कोइ नहींfalse
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उत्तर : 1. "महा + ऋषि"
प्र: किन समश्रुत भिन्नार्थक शब्दों का अर्थ भेद सुसंगत नहीं है?
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627010aee1e2a840c35cabb3- 1आसन - आसन्न = समीपस्थ - बैठने की विधिtrue
- 2पट - पटु = वस्त्र - निपुणfalse
- 3पृष्ट - पृष्ठ = पूछा हुआ - पीठfalse
- 4गौड़ - गौण = ब्राह्मणों की एक जाति - जो प्रधान न होfalse
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