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निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर दीजिए :
 आज हमारे सामने अहं सवाल यह है कि धर्म बड़ा या राष्ट्र? उत्तर में यह निर्विवाद तय होना चाहिए कि राष्ट्र बड़ा है। लेकिन साथ ही आस - पास यह भी देखना है कि राष्ट्र की मौलिक अवधारणाएँ क्या हैं? क्या मिट्टी, पानी, नदी, पहाड़, राजा, प्रजा से ही राष्ट्र की मूर्ति बनती है? नहीं। राष्ट्र की संपूर्ण छवि और पूरा व्यक्तित्व हजारों वर्षों की मानवीय चेतना, जीवन के शाश्वत मूल्यों और अपने धरती आकाश में अखण्ड विश्वास से बनता है। आदमी की वैज्ञानिक और मौलिक बुलन्दियों के साथ उसके सफ़र में और कुछ भी मुलायम सरीखा साथ रहा है। उसको कतरा कतरा लेकर भी एक बनने की होशियारी सिखाता रहा है। लम्हा - लम्हा के बीच समय के अरसों को बटोरता रहा है।

प्र:

इनमें से जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा का सही उदाहरण है: 

  • 1
    दानव - दानवता
  • 2
    सर्व - सर्वस्व
  • 3
    चतुर - चतुराई
  • 4
    गाना - गान
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उत्तर : 1. "दानव - दानवता "

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