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प्र:
कवि कल्पना के अनन्त आकाश में इसलिए उड़ता है कि
5नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
कवि अपनी कल्पना के पंखों से इसी विश्व के गीत लेकर अनन्त आकाश में उड़ता है और उन्हें मुक्त व्योम में बिखरा कर अपने भाराक्रान्त हृदय को हल्का कर फिर अपने विश्वनीड़ में लौट आता है। इसी से कवि को विश्राम और स्वास्थ्य मिलता है और स्वस्थ होकर वह नूतन प्रभात में नूतन हृदय में नित्य नूतन संसार का स्वागत करता है। यदि ऐसा न हो तो कवि भी अन्य सांसारिक प्राणियों की भाँति ही, विश्व के कोलाहल में अपने आप को खो दे तथा उसके द्वारा संसार को वे अमृत गीत न मिलें जिनके सरल शीतल स्रोत में बहकर मानव-जगत् अपने सन्तप्त प्राणों को कुछ क्षण जुड़ा लेता है।
प्र: कवि कल्पना के अनन्त आकाश में इसलिए उड़ता है कि
- 1उसका हृदय भाराक्रान्त होता हैfalse
- 2वह संसार से दूर भागना चाहता हैfalse
- 3वह मुक्त व्योम को अपना गीत सुनाना चाहता हैfalse
- 4कल्पना-लोक में विचरण करना कवि के व्यापार का मुख्य अंग हैtrue
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