Rajasthan Art and Culture प्रश्न और उत्तर का अभ्यास करें
8 प्र: निम्नलिखित में से कौन सा मिलान सही नहीं है?
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63875dd1c878936066d77ceb- 1रजब अली खान - वीणा वादकfalse
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उत्तर : 4. "रवि शंकर - नड़ वादक"
व्याख्या :
निम्नलिखित में से सभी मिलान सही है।
(A) रजब अली खान - वीणा वादक
(B) आमिर खान - सितार वादक
(C) अल्लाह जिलाई बाई - मांड गायक
(D) रवि शंकर - सितार वादक
प्र: निम्नलिखित में से कौनसा (कला-प्रमुख केंद्र) युग्म सुमेलित नहीं है?
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63875c0bd766b160a2ebbfd3- 1थेवा - सीकरtrue
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उत्तर : 1. "थेवा - सीकर "
व्याख्या :
निम्नलिखित में से सभी (कला-प्रमुख केंद्र) युग्म सुमेलित है।
(A) थेवा - प्रतापगढ़
(B) गलीचा निर्माण - जयपुर
(C) अजरख प्रिंट - बाड़मेर
(D) कठपुतली - उदयपुर
प्र: किस लोक कला के निर्माण का पुश्तैनी व्यवसाय केवल चित्तौड़गढ़ जिले के ग्राम बस्सी में ही देखा जाता है?
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63875b5353e4f6617732b063- 1फड़false
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उत्तर : 4. "कावड़"
व्याख्या :
कावड़ लोक कला के निर्माण का पुश्तैनी व्यवसाय केवल चित्तौड़गढ़ जिले के ग्राम बस्सी में ही देखा जाता है। कावड़ एक मंदिरनुमा काष्ठकलाकृति है, जिसमें कई द्वार बने होते हैं। सभी द्वारों या कपाटों पर चित्र अंकित रहते हैं। कावड़ लाल रंग से रंगी जाती है व उसके ऊपर फिर काले रंग से पौराणिक कथाओं का चित्रांकन किया जाता है। इनमें महाभारत, रामायण, कृष्ण लीला के विभिन्न चरित्रों व घटनाओं का विवरण होता है। कावड़ जनजीवन की धार्मिक आस्थाओं और विश्वासों से जुड़ी है इसीलिए इसका वाचन-श्रवण कर लोग श्रद्धाभिभूत हो जाते हैं और मनमाना दान करते हैं।
प्र: 'जंतर' वाद्य यंत्र किसके द्वारा बजाया जाता है?
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63875ae3c878936066d772bc- 1देवनारायण जी के भोपेtrue
- 2पाबू जी के भोपेfalse
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उत्तर : 1. "देवनारायण जी के भोपे "
व्याख्या :
1. यह वाद्य वीणा का प्रारम्भिक रूप कहा जा सकता है। इसकी आकृ वीणा से मिलती है तथा उसी के समान इसमें दो तुम्बे होते हैं।
2. इसकी डाँड बाँस की होती है जिस पर एक विशेष पशु की खाल के बने 22 पर्दे मोम से चिपकाये जाते हैं। कभी-कभी ये मगर की खाल के भी होते हैं।
3. परदों के ऊपर पाँच या छः तार लगे होते हैं। तारों को हाथ की अंगुली और अंगूठे के आधार से इस प्रकार अघात करके बजाया जाता है कि ताल भी उसी से ध्वनित होने लगती है।
3. मेवाड़ और बदनौर, नेगड़िया, सवाई भोज आदि क्षेत्रों के भोपे इसके वादन में कुशल है।
प्र: साम्प्रदायिक सौहार्द के प्रतीक, हमीदुद्दीन नागौरी, किस सूफी सिलसिले के थे?
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6408ba9ca9f6c7de51b48c6f- 1चिश्तीtrue
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उत्तर : 1. "चिश्ती"
व्याख्या :
हमीदुद्दीन नागौरी (1192-1274 ई.) ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के शिष्य थे। इन्होंने अपने गुरु के आदेशानुसार सूफ़ी मत का प्रचार-प्रसार किया। यद्यपि इनका जन्म दिल्ली में हुआ था, लेकिन इनका अधिकांश समय नागौर, राजस्थान में ही व्यतीत हुआ था।
प्र: शेख हमीदुद्दीन नागौरी किस सूफी सिलसिले के थे?
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6387525253e4f66177325e49- 1सुहरावर्दीfalse
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उत्तर : 3. "चिश्ती"
व्याख्या :
हमीदुद्दीन नागौरी (1192-1274 ई.) ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के शिष्य थे। इन्होंने अपने गुरु के आदेशानुसार सूफ़ी मत का प्रचार-प्रसार किया। यद्यपि इनका जन्म दिल्ली में हुआ था, लेकिन इनका अधिकांश समय नागौर, राजस्थान में ही व्यतीत हुआ था।
प्र: सूची I को सूची II से सुमेलित कीजिए और सही कूट का चयन कीजिए-
सूची-1(लेखक) सूची-द्वितीय (मूलपाठ)
(a) गिरधर आसिया (i) विजयपाल रासो
(b) जल्ह (ii) सगत रासो
(c) नाल्ह सिंह (iii) बुद्धि रासो
(d) सूर्यमल्ल मिश्रण (iv) सती रासो
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63875052d766b160a2eb78b9- 1a-(iii), b-(iv), c-(ii), d-(i)false
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- 3a-(iii), b-(i), c-(ii), d-(iv)true
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उत्तर : 3. "a-(iii), b-(i), c-(ii), d-(iv)"
व्याख्या :
सभी कूट सही चयनित हैं -
सूची-1(लेखक) सूची-द्वितीय (मूलपाठ)
(a) गिरधर आसिया (iii) बुद्धि रासोरासो
(b) जल्ह (i) विजयपाल
(c) नाल्ह सिंह (ii) सगत रासो
(d) सूर्यमल्ल मिश्रण (iv) सती रासो
प्र: 'रज्जब वाणी' पुस्तक किस पंथ/संप्रदाय से संबंधित है?
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6385f78f49a42a5ac18f988d- 1दादूtrue
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उत्तर : 1. "दादू"
व्याख्या :
'रज्जब वाणी' पुस्तक दादूपंथ से संबंधित है। दादूपंथ एक हिंदू धर्म की एक भक्ति आंदोलन है, जिसकी स्थापना दादू दयाल ने 15वीं शताब्दी में की थी। दादूपंथ का उद्देश्य सभी धर्मों और जाति के लोगों को एक साथ लाने और प्रेम और शांति का प्रसार करना है।

