Rajasthan Art and Culture Practice Question and Answer
8 Q: राजस्थान में गोला, दरोगा, चाकर, चेला आदि सम्बोधन किसके लिए प्रयुक्त होते थे?
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62a2307794471d20736dbbdb- 1तांत्रिक के लिएfalse
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Answer : 2. "घरेलू दास के लिए "
Explanation :
राजस्थान में गोला, दरोगा, चाकर, चेला आदि सम्बोधन घरेलू दास के लिए किया जाता हैं।
Q: लोक नाट्य की कला को बढ़ावा देने के लिए, किस थिएटर की स्थापना की गई?
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637a4ef8186ce610f3b95cc0- 1रामप्रकाश रंगमंच, महाराजा राम सिंह द्वितीय द्वाराtrue
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Answer : 1. "रामप्रकाश रंगमंच, महाराजा राम सिंह द्वितीय द्वारा"
Q: 'शक्कर पीर बाबा' के नाम से प्रसिद्ध हज़रत हाज़िब शक्कर बादशाह की दरगाह स्थित है
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62a0810094471d207367b253- 1नागौरfalse
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Answer : 2. "नरहड "
Explanation :
1. 'शक्कर पीर बाबा' के नाम से प्रसिद्ध हज़रत हाज़िब शक्कर बादशाह की दरगाह स्थित है।
2. इस दरगाह पर हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के दिन विशाल मेला लगता है। इस मेले में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। इस मेले में कव्वाली, भजन, और लंगर का आयोजन किया जाता है।
Q: निम्नलिखित में से कौनसी पुस्तक चौहानों के इतिहास बारे में जानकारी का स्रोत नहीं है?
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6321ae6f64c0411bf18a14b0- 1सुर्जन चरित्रfalse
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Answer : 4. "हर्ष चरित"
Q: राजस्थान में गोरबंद किस पशु का विशिष्ट शृंगार है?
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6321bafd69fe1d77bc02f495- 1बैलfalse
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Answer : 2. "ऊँट"
Q: मेवाड़ महाराणा के पगड़ी बाँधने वाला व्यक्तिकहलाता था
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62a0a487df19be4c4af807e0- 1पानेरीfalse
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Answer : 3. "छाबदार "
Explanation :
1. राजस्थान में पुरूष सिर पर साफा बांधते रहे हैं। साफा सिर्फ एक पहनावा नहीं है। राजस्थान में नौ माह लगभग गर्मी पड़ती है और तीन माह तेज गर्मी पड़ती है। ऐसे में साफे की कई परतें सिर को लू के थपेड़ों और तेज धूप से बचाती हैं। राजस्थान वीरों की भूमि भी रही है। यदा कदा यहां भूमि और आन के युद्ध से भी गुजरना पड़ता था। ऐसे में आपात प्रहार से बचने में भी साफा रक्षा का काम किया करता था।
2. मेवाड़ महाराणा की पगड़ी बांधने वाला छाबदार कहलाता था।
Q: 'मोती भारत' किस जिले में पारंपरिक कढ़ाई का नाम है?
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Answer : 4. "जालौर"
Q: निम्न में से कौन दादू पंथ की शाखाओं में सम्मिलित नहीं है?
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Answer : 3. "गौड़ीय "
Explanation :
दादू पंथ की शाखाएं
दादूजी की मृत्यु के बाद दादू पंथ 6 शाखाओं में बंट गया था, जो निम्न हैं।
1. खालसा - यह दादू सम्प्रदाय की प्रधान पीठ नरैना से सम्बद्ध है। इस शाखा के मुखिया इनके पुत्र गरीबदास जी थे।
2. नागा - दादू सम्प्रदाय में नागापंथ की स्थापना संत सुन्दरदास जी ने की। नागा साधु अपने साथ हथियार रखते थे तथा जयपुर राज्य में दाखिली सैनिक के रूप में कार्य करते थे। जब इनके आतंक से जनता परेशान हो गई तो सवाई जयसिंह ने एक नियम बनाकर इनके शस्त्र रखने पर पाबंदी लगा दी।
3. विरक्त - ये रमते-फिरते दादू पंथी साधु थे जो गृहस्थियों को आदेश देते थे।
4. खाकी - ये शरीर पर भस्म लगाते थे तथा खाकी वस्त्र पहनते थे।
5. उत्तरादे - जो राजस्थान छोड़कर उत्तरी भारत की ओर चले गए थे।
6. निहंग - वे साधु जो घुमन्तु थे।

